reiki.ideazunlimited.net./GarbhSanskar



For English Click Here



What is GarbhSanskar ?

गर्भ संस्कार दो प्रकार के होते है, पहला, धार्मिक सोलह संस्कार्। दूसरा, मानस शास्त्रिय गर्भ संस्कार्।

हम चर्चा करेंगे दूसरे संस्कार की मानस शास्त्रिय गर्भ संस्कार् की।

माता पिता के मिलन के बाद माँ के गर्भ में भ्रूण पनपने लगता है. करीब तीसरे हप्ते से तीसरे महिने तक कभी भी उपरवाला या कुदरत उसमे आत्मा का प्रवेश करवाता है. यह एक कोंट्रेक्ट होता है, माँ और बच्चे की आत्मा के बीच.

इन सभी रहस्योंके बारे में हिंदू ऋषी जानते थे. इसलिये हमें महाभारत में अभिमन्यु की कहाँनी मिलती है. जो कि सच है.

पांचवे महिने से जनम के महिने तक स्टेप बाय स्टेप अनेक चीजे गर्भ को सिखाई जा सकती है. तो क्या हम एक सूपर ह्युमन को जनम दे सकते है? जवाब है, हाँ. क्या बच्चे की जन्मतिथी हम निश्चितकर सकते है? जवाब है, हाँ.

माँ की मानसिकता: माँ के साथ, परिवारवालोंका व्यवहार ये सब पेट के अंदर का बच्चा जैसे के तैसे हूबहू कोपी कर लेता है.

अगर माँ डरी हुयी सी सहमी सी रहनेवाली औरत है, तो बच्चा पैदाईशी डरपोक होता है. अगर माँ टीवी के सामने हमेशा बैठेगी तो बच्चा भी जब तक टी वी पर कार्टून या कोई प्रोग्राम नहीं देखेगा तब तक वो खाना भी नही खायेगा. माँ अगर भूत की मार काट की सीरीयल्स देखेगी और डरेगी तो बच्चा भी भूतोंसे डरा डरा सा रहेगा.

भारत देश में एक विचित्र समस्या होती है, बच्चा अगर लडका पैदा हुआ तो अठारह बीस साल का हो जाता है तो बाप के साथ दुश्मनी ले लेता है. इसका कारण यह है, कि जब किसी जोडे की शादी हो जाती है, तो जल्द ही “गुड न्यूज” मिलती है. ऐसी अवस्था में शादी को मुश्किलसे एकाद साल भी नही हुआ और गुड न्युज आयी ये हजबंड को पसंद नहीं आता. क्योंकि उसे तो कुछ महिनोंके प्रयत्नोंके बाद अब सेक्स करना वो सीख गया था. अब उसको मजा आ ही रहा था कि अचानक वाईफने गुड न्यूज दे दी. मतलब अब “नो सेक्स”! लेकिन बाप बनना है, इस विचार से वो खुश भी होता है.

बच्चे के आने की आहट से वाईफ इतनी खुष होती है, कि अब वो पति को पास आने भी नही देती, जब की पति को ज्यादा से ज्यादा शरीर सुख चाहिये था. फिर भी वो ना वेश्या के पास जाता है, ना किसीऔर महिला से सम्बंध रचाता है. फिर दो महिने, पाच महिने.. छटवे महिने के बाद उसका ‘सेक्श्युअल स्टार्वेशन’ सातवे आसमान पे पहुँचता है.

अब वो वाईफ को सताने लगता है. अब उससे सहा नहीं जाता. वो वाईफ से झगडा करने लगता है. स्टार्वेशन के कारण वो आक्रामक बन जाता है. मियाँ बीवी की झटापट का एक ही साक्षी होता है, पेट के अंदर का बच्चा! वो सब सुनता है और उसे रिएक्ट भी करता है. उसके ब्रेन मे ये रेकोर्ड हो जाता है, कि जो मेरी माँ को सताता है उस व्यक्तिका मै बदला लूंगा.

ये स्मृति उसके अंतर मन मे रेकोर्ड होती है, ये स्मृति जब वो खुद एक स्वतंत्र व्यक्ति बन जाता है तब रिफ्लेक्ट होता है, और अपने बाप से बदला लेने लगता है. जिसके बारे मे कोई नहीं जानता. इसके विपरीत भारतदेश में आज भी कई परिवारोंमे पहली लडकी पैदा होना अशुभ माना जाता है. लडके का पैदा होना शुभ माना जाता है. इसलिये माँ हमेशा सोचती रहती है, ’लडकी’ पैदा हुई तो मैं उसे जान से मार डालूँगी. कई बार मन ही मन में अपनी कल्पनाओंमें उसने बच्ची को मार भी दिया होता है. यह विचार पेट के अंदर की बच्ची पकड लेती है. जिसके कारण जब बच्ची खुद एक स्त्री बनती है, यानी तेरह चौदहकी बनती है, (ज्ब उसे पिरीयड्स शुरू होते है) तो वो माँ कि दुश्मन बन जाती है. वैसे तो दोनो में बेहद प्यार रहेगा, लेकिन अमुक समय के लिये दोनो एक दूसरे की जान लेने पे उतारू हो जाती है.

सातवे, आठवे महिने मे कोई भी छोटा या बडा प्रेग्नंट वूमन के आसपास हमेशा रहेगा, ठीक उसी की चाल उसी के बोलने के अंदाज, उसीकी पसंद-ना पसंद बच्चा कोपी करता है. तब यह कहा जाता है, डिट्टो अपने मामा या चाचा या मौसी पर गया/गयी है. यहाँ तक कि घर मे कोई पालतु जानवर या पंछी है, जिससे माँ को बहुत स्नेह है, तो बच्चे को भी जन्म के पश्चात उससे स्नेह रहता है.

ठीक उसी प्रकार से बच्चे की ग्रास्पिंग पॉवर जानकर हम उसको संगीत सिखा सकते है, या अलग अलग भाषाएँ सिखा सकते है.

बच्चा धार्मिक प्रवृत्ती का होगा, बिजनसमन बनेगा, कलाकार होगा ये हम निश्चित कर उसे उस प्रकार के संस्कार दे सकते हैं.

इन गर्भसंस्कार में माँ का योगदान महत्वपूर्ण होता है. आईये हमसे बच्चे को गर्भ संस्कार दे दीजिये, जिससे उसका और आपका उज्ज्वल भविष्य निर्माण होगा, अन्यथा पछताओगे!






कोर्सेस

पारलौकिक रेकी

हिप्नोथेरपी

टेलेपथी

अप्सरा साधना

एस्ट्रल ट्रेवलिंग

एक्युप्रेशर थेरपी

एंजल थेरपी

ज्योतिष विद्या

चक्र हीलिंग

छायापुरुष

क्रेनिस्केराल थेरपी

दस महाविद्या

डाऊजिंग थेरपी

रत्न शास्त्र

हू-डू

कुण्डली देखना

जिन्न मंत्र

कर्ण पिशाचिनी

कुण्डलिनी जगरण

केरलियन मसाज थेरपी

कर्ण बिंदु चिकित्सा

मुद्राशास्त्र

मनी मेडीटेशन

म्युजीक थेरपी

नाडी शास्त्र

ओशो मेडिटेशन

ॐ त्राटक

पास्ट लाईफ रिग्रेशन

प्राणिक हीलिंग

रिफ्लेक्सॉलॉजी थेरपी

शिव स्वरोदय

श्री मेरु यंत्र

स्वयम शिरोधारा

सुदर्शन क्रिया

सुजोक थेरपी

टैरो कार्ड

तिबेटियन लामा थेरपी

सिंगिंग बाऊल थेरपी

वशीकरण

विपासना

वास्तुशास्त्र

योग

Special Consultation on ……..

भावना नियंत्रण

पारिवारिक समस्याए

घरेलु औरतोंका करियर

चुम्बकिय व्यक्तित्व

मेमरी मेंनेजमेण्ट

मन की एकाग्रता

जीवन साथी को समझना

मेरिज कोंसलिंग

करीयर गाईडंस

रिटायरर्मेण्ट के बाद

युवकोंको मार्गदर्शन

जबर्दस्त व्यक्तित्व

घरेलु समस्या

कोर्पोरेट ट्रेनिंग

बिजनेस आयडीयाज

मार्केटिंग आयडीयाज

जीवन सुधार

पब्लिक स्पीकिंग कोर्स